Hanuman Chalisa : रोजाना करें हनुमान चालीसा का पाठ, जानें क्या हैं फायदे
Hanuman Chalisa ke Fayde: श्री हनुमान चालीसा जो कि हनुमान जी को समर्पित एक लोकप्रिय शक्तिशाली मंत्र है। इसमें 40 छंद (चौपाई) शामिल हैं जो हनुमान जी के गुणों और भगवान राम के एक वफादार सेवक के रूप में उनकी भूमिका का वर्णन करते हैं।
माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त को अत्यधिक लाभ मिलता है। इस लेख में हम हनुमान चालीसा का जाप करने से होने वाले फायदों (Hanuman Chalisa Padhne ke fayde) के बारे में जानेंगे।
एकाग्रता में सुधार करता है:
श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए ध्यान और एकाग्रता की आवश्यकता होती है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ में एकाग्र होने से मन शांत और विकर्षणों से मुक्त हो जाता है। यह साधक की एकाग्रता और स्मृति में सुधार करने में मदद करता है।
तनाव और चिंता कम करता है:
माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से तनाव और चिंता कम होती है। हनुमान चालीसा की मधुर धुन और लय मन को शांत करने और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करती है। चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से तनाव और चिंता से होने वाले मानसिक रोगों को भी कम करने में मदद मिलती है।
आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है:
आंतरिक शांति को बढ़ावा देने के लिए हनुमान चालीसा एक शक्तिशाली साधन है। चालीसा का जाप करने से मन शांत हो जाता है, और भक्त शांति और शांति की भावना का अनुभव करता है। चालीसा का नियमित पाठ आंतरिक शांति और सद्भाव की स्थिति प्राप्त करने में मदद करता है।
आत्मविश्वास बढ़ाता है:
भक्तशिरोमणि श्री हनुमान जी अपने साहस और वीरता के लिए जाने जाते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त इन गुणों को आत्मसात कर सकते हैं और अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं। हनुमान चालीसा का जाप भक्तों में निडरता और दृढ़ संकल्प की भावना पैदा करता है, जिससे उन्हें साहस और दृढ़ विश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।
नकारात्मकता दूर करता है:
माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। हनुमान चालीसा के शक्तिशाली मंत्रों के कंपन से नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर कर सकते हैं, और सकारात्मक और सामंजस्यपूर्ण वातावरण बना सकते हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार:
कहा जाता है कि हनुमान चालीसा के कई शारीरिक स्वास्थ्य लाभ भी हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पाचन में सुधार करता है, हृदय मजबूत करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है। चालीसा का नियमित पाठ समग्र शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
बाधाओं को दूर करता है:
हनुमान को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का जाप जीवन में बाधाओं को दूर करने में मदद करता है, चाहे वे काम, रिश्तों या व्यक्तिगत विकास से संबंधित हों।
श्री हनुमान चालीसा का जाप भक्तों में विश्वास और दृढ़ संकल्प की भावना पैदा करता है, जिससे उन्हें सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।
आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है:
आध्यात्मिक विकास के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना एक शक्तिशाली साधन है। हनुमान चालीसा के भक्ति मन्त्र और मधुर धुन भक्त को परमात्मा से जोड़ने में मदद करती हैं। चालीसा का नियमित पाठ किसी की साधना को गहरा करने और ईश्वर के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने में मदद कर सकता है।
हनुमान चालीसा कई लाभों के साथ एक शक्तिशाली भक्ति स्तोत्र है। यह आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है, नकारात्मकता को दूर करता है, शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है और बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
नियमित रूप से चालीसा का पाठ करने से, भक्त अपनी साधना को गहरा कर सकते हैं और अधिक पूर्ण जीवन जी सकते हैं।
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हनुमान चालीसा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि
बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुं लोक उजागर
रामदूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा
महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचित केसा
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै
कांधे मूंज जनेऊ साजै
संकर सुवन केसरीनंदन
तेज प्रताप महा जग बन्दन
विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
भीम रूप धरि असुर संहारे
रामचंद्र के काज संवारे
लाय सजीवन लखन जियाये
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा
जम कुबेर दिगपाल जहां ते
कबि कोबिद कहि सके कहां ते
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेस्वर भए सब जग जाना
जुग सहस्र जोजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डर ना
आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हांक तें कांपै
भूत पिसाच निकट नहिं आवै
महाबीर जब नाम सुनावै
नासै रोग हरै सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट तें हनुमान छुड़ावै
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै
सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावै
सोइ अमित जीवन फल पावै
चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम-जनम के दुख बिसरावै
अन्तकाल रघुबर पुर जाई
जहां जन्म हरि भक्त कहाई
और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
जै जै जै हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं
जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप
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