My India: कब है हनुमान जन्मोत्सव ? जानें-सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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कब है हनुमान जन्मोत्सव ? जानें-सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

............ ✦••• *_जय श्री हरि_* •••✦ ..........
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कब है हनुमान जन्मोत्सव ? जानें-सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि



🪶 हनुमान जन्मोत्सव  बजरंगबली के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है. इस बार हनुमान जन्मोत्सव  6 अप्रैल 2023 को गुरुवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भक्तगण बजरंगबली के नाम का व्रत रखते हैं. प्रत्येक वर्ष हनुमान जन्मोत्सव  चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. हालांकि, कई स्थानों में यह पर्व कार्तिक मास के कृष्णपक्ष के चौदवें दिन भी मनाया जाता है!

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हनुमान जन्मोत्सव 

हनुमान जन्मोत्सव  का पर्व पूरे देश बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस शुभ दिन को हनुमान जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. हनुमान जन्मोत्सव  चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस साल हनुमान जयंती गुरुवार, 06 अप्रैल को मनाई जाएगी. हनुमान को मारुति नंदन, बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन बजरंगबली के नाम का व्रत रखा जाता है. मंगलवार और शनिवार का दिन बजरंगबली के लिए सबसे खास माना जाता है. साथ ही इस बार हनुमान जन्मोत्सव  के दिन ही चैत्र पूर्णिमा भी पड़ रही है. इसलिए इस बार की हनुमान जयंती और विशेष बन गई है।


☄️ हनुमान जन्मोत्सव शुभ मुहूर्त


इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 05 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 06 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 04 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार हनुमान जन्मोत्सव  06 अप्रैल को ही मनाई जाएगी. साथ ही इस साल हनुमान जन्मोत्सव  हर्षण योग में मनाई जाएगी. इस दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र रहेगा.

💮 हनुमान जन्मोत्सव पूजन मुहूर्त


सुबह 06 बजकर 06 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक_*
सुबह 10 बजकर 49 मिनट से दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट तक
दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट तक
दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक से 03 बजकर 32 मिनट तक
शाम 05 बजकर 07 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक
शाम 06 बजकर 41 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक

हनुमान जन्मोत्सव  हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी का जन्म इसी तिथि को हुआ था। वह भगवान श्रीराम के परमभक्त हैं। मान्यता है कि हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के समस्त प्रकार के संकट दूर होते हैं और भूत-पिशाच से छुटकारा मिलता है।हनुमान जन्मोत्सव  के दिन उनके भक्त उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत धारण कर उनका आशीर्वाद पाते हैं। आइए जानते हैं आचार्य श्री गोपी राम से हनुमान जन्मोत्सव  2023 की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि के साथ कथा के बारे में।

🕉️ हनुमान जन्मोत्सव 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त


चैत्र पूर्णिमा तिथि - 6 अप्रैल, 2023, गुरुवारचैत्र पूर्णिमा की तिथि - 5 अप्रैल, बुधवार को सुबह 9 बजकर 19 मिनट चैत्र पूर्णिमा तिथि का समापन - 6 अप्रैल, गुरुवार को 10 बजकर 4 मिनट

⚛️ हनुमान जन्मोत्सव की पूजा विधि


सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।हनुमान जी की प्रतिमा को गंगा जल से शुद्ध करें।उनकी प्रतिमा के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं। हनुमान जी को गेंदे, हजारा, कनेर, गुलाब के फूल चढ़ाएं।उन्हें मालपुआ, लड्डू, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं।हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।

💁🏻‍♀️ ऐसे हुआ था हनुमानजी का जन्म


पौराणिक मान्यता के अनुसार, बजरंगबली भगवान शिव के 11वें रुद्रवतार हैं। हनुमान जी के पिता सुमेरू पर्वत के वानरराज राजा केसरी और माता अंजनी हैं। हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता है और उनके पिता वायु देव भी माने जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या नरेश राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए हवन कराया था। उन्होंने प्रसाद स्वरूप खीर अपनी तीन रानियों को खिलाया था। थोड़ी खीर एक कौआ लेकर उड़ गया। वहां पर पहुंचा, जहां माता अंजनी शिव तपस्या में लीन थीं। माता अंजनी को जब खीर प्राप्त हुई। उन्होंने भगवान शिवजी के प्रसाद स्वरुप ग्रहण कर लिया। उस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद हनुमान जी का जन्म हुआ।

🤷🏻‍♀️ हनुमान जन्मोत्सव का महत्व


हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर जाकर हनुमान जी का दर्शन करना चाहिए और उनके सामने घी या तेल का दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है. इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलने की भी मान्यता है.

🔯 हनुमान जन्मोत्सव पूजन विधि


व्रत से पहले एक रात को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का स्मरण करें. अगले दिन प्रात: जल्दी उठकर दोबारा राम-सीता एवं हनुमान जी को याद करें. हनुमान जन्मोत्सव  प्रात: स्नान ध्यान करने के बाद हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें. इसके बाद, पूर्व की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें. विनम्र भाव से बजरंगबली की प्रार्थना करें. इसके बाद षोडशोपाचार की विधि विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें.

🗣️ हनुमान जन्मोत्सव पौराणिक कथा


अंजना एक अप्सरा थीं, हालांकि उन्होंने श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म लिया और यह श्राप उनपर तभी हट सकता था जब वे एक संतान को जन्म देतीं. वाल्मीकि रामायण के अनुसार, केसरी श्री हनुमान जी के पिता थे. वे सुमेरू के राजा थे और केसरी बृहस्पति के पुत्र थे. अंजना ने संतान प्राप्ति के लिए 12 वर्षों की भगवान शिव की घोर तपस्या की और परिणाम स्वरूप उन्होंने संतान के रूप में हनुमानजी को प्राप्त किया. ऐसी मान्यता है कि हनुमानजी भगवान शिव के ही अवतार हैं

👉🏼 हनुमान जी की पूजा कर रहे तो गलती से भी न करें ये काम

👉🏼 हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

👉🏼 हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त को उस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.

👉🏼 हनुमान जी की पूजा करते समय काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचें.

👉🏼 हनुमानजी की पूजा करते समय ब्रह्राचर्य व्रत का पालन करना चाहिए.

👉🏼 हनुमान जन्मोत्सव  कर खंडित और टूटी हुई मूर्ति की पूजा न करें.

👉🏼 पवनपुत्र हनुमान जी को हलुवा, गुड़ से बने लड्डू, बूंदी या बूंदी के लड्डू, पंच मेवा, डंठल वाला पान, केसर-भात और इमरती अत्यंत प्रिय हैं. इन मिष्ठानों का भोग लगाने से हनुमान जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं.

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