सावन में शिवजी के इस स्तोत्र का पाठ करने से मिलता हैं मनचाहा जीवन साथी
मनचाहे जीवन साथी की हैं चाहत तो करें इस शिव स्त्रोत की आराधना
शिव पुराण की कथानुसार शिव के १०८ नाम शिवाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र को भगवान श्री विष्णु ने माता पार्वती को बतलाए थे । उसी के बाद शंकरप्रिया माता पार्वती ने श्री नारायण की प्रेरणा से एक वर्ष तक प्रतिदिन तीनों कालों में इसका जप करने के फलस्वरूप उन्हें भगवान शंकर पतिरूप में प्राप्त हुए और वे शिव की अर्धांगिनी बन गईं । कहा जाता हैं जो कोई भी श्रद्धा पूर्वक इसका पाठ करता हैं उन्हें भी मनचाहे जीवन साथी की प्राप्ति होती हैं ।
देवेश्वर महादेव का ध्यान करते हुए शिवजी के इस शिवाष्टोत्तरशतनाम पाठ को करने से इसका फल सौ गुना बढ़ जाता हैं ।
देवेश्वर महादेव का ध्यान करते हुए शिवजी के इस शिवाष्टोत्तरशतनाम पाठ को करने से इसका फल सौ गुना बढ़ जाता हैं ।
ऐसे ध्यान करें
‘चन्द्रमण्डल में श्री शिवजी विराजमान हैं, उनका गौर शरीर है, सर्प का कंगन और सर्प का ही हार पहने हुए हैं । शरीर पर भस्म लगाए हुए हैं, उनके हाथों में मृगी-मुद्रा एवं परशु हैं और अर्धचन्द्र सिर पर विराजमान है । मैं उन भगवान शंकर का हृदय में चिन्तन करता हूँ ।शिवाष्टोत्तरशतनाम के पाठ का फल
शतरुद्री के तीन बार पाठ करने से जो फल मनुष्य को प्राप्त होता है, वह फल उसे इस स्तोत्र के एक बार पाठ करने से प्राप्त हो जाता है । बेलपत्र, फूल और तुलसीदल से या तिल और अक्षत से जो महादेवजी का पूजन करते हैं, वे जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाते हैं ।।। शिवाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रं ।।
ॐ शिवाय नम:
ॐ महेश्वराय नम:
ॐ शंभवे नम:
ॐ पिनाकिने नम:
ॐ शशिशेखराय नम:
ॐ वामदेवाय नम:
ॐ विरूपाक्षाय नम:
ॐ कपर्दिने नम:
ॐ निललोहिताय नम:
ॐ शंकराय नम:
ॐ शूलपाणये नम:
ॐ खट्वांगिने नम:
ॐ विष्णुबल्लभाय नम:
ॐ शिपिविष्टाय नम:
ॐ अंबिकानाथाय नम:
ॐ श्रीकण्ठाय नम:
ॐ भक्तवत्सलाय नम:
ॐ भवाय नम:
ॐ शर्वाय नम:
ॐ त्रिलोकेशाय नम:
ॐ शितिकण्ठाय नम:
ॐ शिवाप्रियाय नम:
ॐ उग्राय नम:
ॐ कपालिने नम:
ॐ कामारये नम:
ॐ अन्धकासुर सूदनाय नम:
ॐ गंगाधराय नम:
ॐ ललताक्षाय नम:
ॐ कालकालाय नम:
ॐ कृपानिधये नम:
ॐ कृपानिधये नम:
ॐ भीमाय नम:
ॐ परशुहस्ताय नम:
ॐ मृगपाणये नम:
ॐ जटाधराय नम:
ॐ कैलासवासिने नम:
ॐ कवचिने नम:
ॐ कटोराय नम:
ॐ त्रिपुरान्तकाय नम:
ॐ वृषांकाय नम:
ॐ वृषभारूढय नम:
ॐ भस्मोद्धूलित विग्रहाय नम:
ॐ सामप्रियाय नम:
ॐ स्वरमयाय नम:
ॐ त्रयीमूर्तये नम:
ॐ अनीश्वराय नम:
ॐ सर्वज्ञाय नम:
ॐ परमात्मने नम:
ॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नम:
ॐ हविषे नम:
ॐ यज्ञमयाय नम:
ॐ सोमाय नम:
ॐ पंचवक्त्राय नम:
ॐ सदाशिवाय नम:
ॐ विश्वेश्वराय नम:
ॐ विरभद्राय नम:
ॐ गणनाथाय नम:
ॐ प्रजापतये नम:
ॐ दुर्धर्षाय नम:
ॐ गिरिशाय नम:
ॐ अनघाय नम:
ॐ भुजंगभूषणाय नम:
ॐ भर्गाय नम:
ॐ गिरिधन्वने नम:
ॐ गिरिप्रियाय नम:
ॐ कृत्तिवाससे नम:
ॐ पुरारातये नम:
ॐ भगवते नम:
ॐ प्रमथाधिपाय नम:
ॐ मृत्युंजयाय नम:
ॐ सूक्ष्मतनवे नम:
ॐ जगद्यापिने नम:
ॐ जगद्गुरवे नम:
ॐ व्योमकेशाय नम:
ॐ महासेनजनकाय नम:
ॐ चारुविक्रमाय नम:
ॐ रुद्राय नम:
ॐ भूतपतये नम:
ॐ स्थाणवे नम:
ॐ अहिर्बुध्न्याय नम:
ॐ दिगंबराय नम:
ॐ अष्टमूर्तये नम:
ॐ अनेकात्मने नम:
ॐ सात्विकाय नम:
ॐ शुद्दविग्रहाय नम:
ॐ शाश्वताय नम:
ॐ खण्डपरशवे नम:
ॐ अजाय नम:
ॐ पाशविमोचकाय नम:
ॐ मृडाय नम:
ॐ पशुपरये नम:
ॐ देवाय नम:
ॐ महादेवाय नम:
ॐ अव्ययाय नम:
ॐ हरये नम:
ॐ भगनेत्रभिदे नम:
ॐ अव्यक्ताय नम:
ॐ हराय नम:
ॐ दक्षाध्वरहराय नम:
ॐ पूषदन्तभिदे नम:
ॐ अव्यग्राय नम:
ॐ सहस्राक्षाय नम:
ॐ सहस्रपदे नम:
ॐ अपवर्गप्रदाय नम:
ॐ अनन्ताय नम:
ॐ तारकाय नम:
ॐ परमेश्वराय नम:।
।। शिवपुराण के रुद्रसंहिता के सृष्टिखण्ड ।।
इसके पाठ करने से पाप दोष दूर होकर ज्ञान वैराग्य शांति की प्राप्ति होती है।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
यह लेख अच्छा लगा तो Whatsapp, Facebook & Telegram पर शेयर और फॉरवर्ड अवश्य करें जिससे अन्य लोग भी ये जानकारी पढ़ सकें।
कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक
*********************************************************************************************************
कृपया इसे भी पढ़ें :---
शिरडी साईं बाबा ( सबका मलिक एक )
शिर्ड साईं बाबा मंदिर कैसे पहुंचे ( How To Reach Shird Sai Baba Temple )
How To Reach Shird Sai Baba Temple ( AIRPLANE )
Amazon Prime Music App New 2023
Amazon republic day Grate sale offers
इंडिया के सबसे अच्छे इयरफोन 2023 ( Best Earphones in India 2023 )
ओम साईं राम
जो भी साईबाबा के भक्त श्रीसाईबाबा संस्थान शिर्डी मैं ऑनलाइन डोनेट करना चाहते हैं
नीचे दिए गए डोनेट नऊ पर क्लिक करके डोनेट कर सकते हो
श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट शिरडी ऑफिशियल वेबसाइट है
No comments:
Post a Comment