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Raviwar ke Upay / रविवार के उपाय





Raviwar Upay: सप्ताह का रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन भगवान भास्कर की उपासना करने से निरोगी शरीर और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा रविवार को अनुराधा नक्षत्र भी रहेगा। ऐसा में इस रविवार को इन विशेष उपायों को करने से भगवान सूर्य देव की कृपा से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। रविवार के दिन किन-किन उपायों को करना फलदायी रहेगा।

1. अगर आप अपनी तरक्की को चार चांद लगाना चाहते हैं तो रविवार के दिन आपको किसी मन्दिर के प्रांगण में या किसी बाग-बगीचे में कोई भी फूल वाला पौधा लगाना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए। लेकिन अगर आप किसी कारणवश रविवार के दिन पौधा न लगा पायें, तो रविवार के दिन पौधा लगाने का संकल्प जरूर लें और दो-चार दिन में जब भी आपको समय मिले, तब लगाएं।

2. अगर आपके परिवार में हमेशा अनबन होती रहती हैं या वैवाहिक जीवन में कुछ समस्या बनी रहती है तो अनुराधा नक्षत्र में एक खाली बोतल लें और उस बोतल में थोड़ा-सा सरसों का तेल, आठ साबुत उड़द के दाने और एक लोहे की कील डालकर ढक्कन से बंद कर दें। अब उस बोतल को अपने ऊपर से सात बार उतारकर, जमीन में दबा दें।

3. अगर आपके घर में धन का अभाव रहता है या आपके पास धन अधिक समय तक नहीं टिकता, तो अनुराधा नक्षत्र में अपने हाथ की लंबाई के बराबर एक काला धागा और एक छोटा-सा कोयला लें। अब काले धागे से उस कोयले को बांधकर, एक कपड़े में लपेटकर अपने धन वाले स्थान पर रख दें या अनुराधा नक्षत्र के दौरान पूरे दिन अपनी जेब में उस कोयले को रखें। जेब में रखने से पहले कोयले को किसी कपड़े में लपेटना न भूलें।

4. अगर आपके निवास स्थान पर या आपके बिजनेस पर किसी की बुरी नजर लग गई है और आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो अनुराधा नक्षत्र में पूरे दिन काले चने को पानी में भिगो दें। अब उस भिगोये हुए काले चने के साथ थोड़ी-सी साबुत काली उड़द, काली हल्दी और थोड़ी-सी सरसों लें और एक काले कपड़े में उन्हें एक साथ बांध लें। अब उस पोटली को किसी नदी या तालाब में बहा दें। अगर उस पानी में मछलियां हों, तो और भी अच्छा है।

5. अगर आप अपने जीवन में हर प्रकार से रविवारादी पाना चाहते हैं तो इसके लिए रविवार के दिन आपको मौलश्री के पेड़ की उपासना करनी चाहिए। साथ ही उसको हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए, लेकिन अगर आपको कहीं आस-पास मौलश्री का पेड़ न मिले तो उसकी फोटो इंटरनेट से डाउनलोड करके, उसके दर्शन कर लें। चाहें तो उस फोटो का प्रिंट निकलवाकर अपने घर में भी लगा लें।

6. अगर कुछ दिनों से पिता के साथ आपके रिश्ते में कड़वाहट बनी हुई है, तो रविवार आपको सूर्यदेव के इस मंत्र का 51 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।

7. अगर आप बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही लंबी आयु भी पाना चाहते हैं, तो रविवार आपको सूर्यदेव के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। सूर्यदेव का मंत्र इस प्रकार है- ऊँ घृणिः सूर्याय नमः।

8. अगर आप अपने आस-पास पॉजिटिव ऊर्जा में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो रविवार आपको सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए और जल अर्पित करते समय सूर्यदेव के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ऊँ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्याय श्रीं।

10. अगर बहन या बुआ के साथ आपके रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे है, तो रविवार के दिन आपको अपने भोजन में से एक रोटी निकालकर अलग रखनी चाहिए और उसके तीन हिस्से करने चाहिए। अब उन तीन हिस्सों में से एक हिस्सा गाय को खिला दें, एक हिस्सा कौवे के लिए रख दें और एक हिस्सा कुत्ते को खाने के लिए दें।


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Shaniwar ke upay / शनिवार के उपाय

शनिवार के उपाय

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शनिवार के उपाय से संबंधित इस लेख में हम आपको ऐसे सभी टोटके बताने जा रहे जिनको करने से आप पर शनि देव की कृपा बरसेगी। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर ग्रह कहा जाता है। सूर्य पुत्र शनि न्याय प्रिय और कर्म फलदाता हैं। शनि का कार्य प्रकृति में संतुलन को बनाए रखना है इसलिए कलियुग में शनि पूजा का बहुत महत्व है। ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में शनि की साढ़े साती अथवा ढैया चल रही है तो उसके जीवन में कई प्रकार की परेशानियां आती हैं इसलिए शास्त्रों में शनि के बुरे प्रभावों से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इनमें शनिवार के टोटके, शनिवार के उपाय, शनि ग्रह से बचने के उपाय, शनि की कृपा पाने के उपाय आदि हैं।


शनि के प्रकोप से बचने के 5 सरल उपाय
1. हनुमान चालीसा का पाठ
हनुमान चालीसा शनि देव की कूर दृष्टि से बचने का अचूक उपाय है। यदि आपकी कुंडली में ढैया या साढ़े साती चल रही है और आप शनि के प्रकोप से पीड़ित हैं, तो हनुमान चालीसा का पाठ आपके लिए अचूक उपाय है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ शनि के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है।

2. शनि मंत्र का जाप
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः!
उपरोक्त मंत्र शनि बीज मंत्र है शनि देव की क्रूर दृष्टि से बचने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ शं शनैश्चरायै नमः!

शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवंतु नः!

यह मंत्र शनि देव की कृपा दृष्टि पाने का वैदिक मंत्र है। इसका जाप करने से शनि महाराज हमारे कष्टों को दूर करते हैं।
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌॥

शनि की उपासना के लिए शनि के इस पौराणिक मंत्र का जाप करना चाहिए।
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3. तिल, तेल और छायापात्र दान
तिल, तेल और छायापात्र दान शनि देव को अत्यन्त प्रिय हैं इसलिए इन चीज़ों का दान शनि ग्रह की शान्ति का प्रमुख उपाय माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इनका दान शनि देव द्वारा दिए जाने वाले कष्टों को दूर करता है। छायापात्र दान करने की एक विधि है जो कि बहुत ही सरल है। इसमें मिट्टी के किसी बर्तन में सरसों का तेल लें और उसमें अपनी परछाई देखकर उसे दान कर दें।

4. धतूरे की जड़ धारण करें
वैदिक ज्योतिष में विभिन्न जड़ों के माध्यम से ग्रहों की शान्ति का विधान है। शनि ग्रह की कृपा दृष्टि पाने के लिए शास्त्रों में धतूरे की जड़ को धारण करने की सलाह दी गई है। धतूरे की जड़ को गले या हाथ में बांधकर इसको धारण किया जा सकता है। इस जड़ी को धारण करने के बाद आपको शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होने लगेगा। धतूरे की जड़ को शनिवार के दिन शनि होरा अथवा शनि के नक्षत्र में धारण करना शुभ होता है।
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5. सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें
ज्योतिष शास्त्र में सात मुखी रुद्राक्ष शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इसको धारण करने से जातक को शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शनि ग्रह से जनित पीड़ा दूर होती है। इस रुद्राक्ष को सोमवार या शनिवार के दिन गंगा जल से धोकर धारण करने से शनि के कष्टों से राहत मिलती है।

शनिवार रात को अनार की कलम के द्वारा रक्त चन्दन से किसी भोजपत्र पर 'ॐ ह्वीं' मंत्र को लिखें और इसकी नित्य पूजा करें। इससे अपार विद्या, बुद्धि की प्राप्ति होती है।

शनिवार को काले कुत्ते, काली गाय को रोटी और काली चिड़िया को दाना खिलाने से शनि ग्रह की क्रूर दृष्टि दूर होती है और बिगड़े काम बनते हैं।

शनिवार को चीटियों को आटा अथवा मछलियों को दाना खिलाएं, इससे आपकी नौकरी में तरक्की होगी।

शनिवार के दिन शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं (साबुत उड़द, लोहा, तेल, तिल के बीज, काले कपड़े) का दान शनि की होरा एवं शनि ग्रह के नक्षत्रों (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद) में दोपहर अथवा शाम को करना चाहिए।

काले घोड़े की नाल या फिर नाव की कील से निर्मित अंगूठी को अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय धारण करें। यह उपाय शनि के प्रकोप से बचाता है।

शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल को जल अर्पित कर उसकी सात बार परिक्रमा करें और सूर्यास्त के बाद पीपल के वृक्ष पर दीपक प्रज्ज्वलित करें। इससे आपको शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा और शनि दोष से मुक्ति मिलेगी।

शनिवार के दिन क्या करे

काले रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें।

मामा एवं बुजुर्ग लोगों का सम्मान करें।

कर्मचारियों अथवा नौकरों को ख़ुश रखें।

शनिवार के दिन क्या न करें

शराब एवं मांस का सेवन न करें।

रात को दूध न पिएँ।

शनिवार को नमक, लकड़ी, रबर, लोहा, काले कपड़े, काली उड़द, चक्की, स्याही, झाड़ू, कैंची आदि चीज़ें न ख़रीदें।

बाल व दाढ़ी न कटवाएं।

शनिवार व्रत विधि

प्रात:काल स्नान करके ऋषि-पितृ तर्पण करने के बाद एक कलश में जल भरें।
शमी अथवा पीपल के पेड़ के नीचे जड़ के पास उस कलश को रखकर एक वेदी बनाएं।
वेदी पर काले रंग से रंगे हुए चावलों द्वारा चौबीस दल का कमल बनाएं।

लोहे अथवा टिन की चादर काटकर बनाई गई शनिदेव की प्रतिमा को स्नान कराकर चावलों से बनाए हुए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करे।

काले रंग के गंध, पुष्प, धूप, फूल तथा उत्तम प्रकार के नैवेद्य आदि से पूजन करें।
शनि देव के इन नामों का श्रद्धापूर्वक उच्चारण करें - कोणस्थ, पिंगलो बभ्रु, कृष्ण रौद्रोतको, यम, सौरि, मंद, शनैश्चर एवं पिप्पला।

पीपल के वृक्ष में सूत के सात धागे लपेटकर सात परिक्रमा करके वृक्ष का पूजन करें।

शनि पूजन सूर्योदय से पूर्व तारों की छांव में करना चाहिए।

शनिवार व्रत-कथा को भक्ति और प्रेमपूर्वक सुनें और कथा कहने वाले को दक्षिणा दें।
तिल, जौ, उड़द, गुड़, लोहा, सरसों का तेल तथा नीले वस्त्र का दान कों।
आरती व प्रार्थना करके प्रसाद बांटें।

इस प्रकार शनिवार का व्रत करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है। इसके अलावा सुख-समृद्धि, पुत्र प्राप्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हम आशा करते हैं कि शनि देव और शनिवार के उपायों से संबंधित लेख आपके लिए उपयोगी सिद्ध हो और आप पर शनि देव की कृपा बनी रहे



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